शामें ग़ज़ल की बेरुखी तो देखो ज़िन्दगी चूर है गुरुर में इस दिल की दिल्लगी तो देखो दर्द कितने भी हो जिगर में फिर भी मदहोश है उसकी यादों के जुनून में। ~शानू सिंह #royal_rajput