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जैसे जैसे शाम ढलती जा रही है नमी  आंखों की  पिघल

जैसे जैसे शाम ढलती जा रही है

नमी  आंखों  की  पिघलती  जा रही है


तुम तो निकल चुकी ज़िन्दगी से

ओ अब ये जां भी निकलती जा रही है

~#Adi_R #Zindagi #Love
जैसे जैसे शाम ढलती जा रही है

नमी  आंखों  की  पिघलती  जा रही है


तुम तो निकल चुकी ज़िन्दगी से

ओ अब ये जां भी निकलती जा रही है

~#Adi_R #Zindagi #Love
adir8220976818273

Adi

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