खुदकी जेब भले ही खाली हो मगर, अपने बच्चों की जेब भरते तैयार देखा, खुदको दर्द चाहे कितना भी हो मगर, अपनों का दर्द मिटाने को सदा तैयार देखा, खुदको प्यास चाहे कितनी भी लगी हो मगर, हर किसी की हर वक्त प्यास बुझाने को तैयार देखा, खुदके अश्रु छिपाकर के पलकों में सजा लेते मगर, हर इक इंसान के चेहरे को हंसाने को तैयार देखा,, खुदकी मुस्कान भले ही कहीं खो जाये मगर,, हर इंसान के चेहरे पर मुस्कान लाने को तैयार देखा,, खुद चाहे भूखे पेट ही क्यों ना सो लिये हो मगर ,, दूसरों का सदा हर बाधा में पेट भरने को तैयारी देखा,, खुदको चाहे क्यों ना नील गगन तले सोना पड़े मगर, औरों के लिए हमेशा ही छत बनाने को तैयार देखा,,, खुदके चाहे हजारों स्वप्न आँखों में दफन कर लिये मगर,, अपने सपने अपने बच्चों के लिए सजाने को तैयार देखा,, खुद चाहे कितने ही क्यों ना कंटकों पर चलते हो मगर,, अपनों की राह को हमेशा मैंने बनाते हुये गुलजार देखा,, हाँ मैंने तात को दुपहरी की छांव लहरों से बचाती नाव देखा, हाँ मैंने तात में खिलखिलाता हुआ ये अपना सम्पूर्ण संसार देखा,, -Vimla Choudhary 20/6/2021 ©vks Siyag #FathersDay #myfathermyhero #myfather_myking #fatherloveheart #doughterfatherlove #myGod #nojotopoem #Nojotohindi