तुम कतर दो पंख मेरे मैं उफ्फ भी न करूँगी। हां मैं मामूली नारी हूँ, नारी ही रहूंगी। बिठा दो कोठे पर, या सड़क पर खड़ा कर दो। दिल रखती हूँ सीने में, हर बार बस यही कहूँगी। बन्द कर दो चार दिवारी में, या फुटपाथ पर बिठा दो। मामूली सी बस मामूली नारी ही रहूंगी। #NojotoQuote नारी