किसी सिपाही कि शहादत पर, नहीं एक अश्क होता है पर मक्कारो के लिए आँख में ईश्क होता है वो करें आतंक कि पैरवी ,वे फिर भी साथ निभाती है मैरे वतन कि महिलाऐ ,जुर्म को प्रीत बताती है इन्हें दर्द नहीं होता जब एक ज़वान मरता है इन्हें फर्क पड़ता है,अभिनेता क्या करता है खबर बताने वाले खबरें बेच रहे हैं अब सच को छुपा ,झूठ कि रेखा खेंच रहे हैं सब नहीं कहते मदरसे मे कितने हथियार मिले हैं पर बताते है बेटी को, पिता से कितने गिले है इन्हें फर्क पड़ता है कि तैमुर क्या करता है जब पाक है पाकिस्तान तो , ज़वान क्यो मरता है जिन्हें पता नहीं जिवन क्या है , वो बच्चे प्यार समझते हैं लव जिहाद कि साजिश को , कैसे इज़हार समझते हैं अब न्यायालय बताता है कितना जल शिव पर चढ़ाना है और अक्सर भूल जाता है कि मंदिर वहीं बनाना है वो फिर से जाँच कराएंगे , राष्ट्रपिता के मौत कि और बातें सारी भूलेंगे , आतंकियों के गौत कि तबरेज़ को मारा था तो वो हिन्दुओं का आतंकवाद था कश्मीर पंडितों का मुद्दा किस मुस्लिम को याद था #सेक्युलर #आतंकवाद #हिन्दु #मुस्लिम #न्याय