आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आँखों से बिझड़ते देखा तेरी यादों को मेरी तन्हाई से लिपटते देखा ख्वाब सजाये थे जो तेरे सँग जिंदगी गुजारने को उन सपनो पल पल उजड़ते देखा! #Nind_ko_ankhon_se #Arvi's😊 shayri