चलो नींदों में चलें, शम्मा जलाकर राख कर दें, हर दरख़्त को चीर दें, हर शजर को शाख़ कर दें, वो, जो होते हैं, होते नहीं कभी उम्मीदों में, चल उन्हें भी मिलकर आज दिल से भी इत्तेफ़ाक़ कर दें, मौक़ूफ़ हो जाएं वो उल्फ़त पे हमारी, आज मिलकर उन्हें, उन्ही के भेस में, ज़िंदगी को ज़िदगी से इख्तिलाफ़ कर दें....! #jaggi_quotes #nojotoquote #nojotopoetry #nojoto.Com #nojotoshayri