टूटा हुआ ख्वाब लेकर हम मुस्कुराते रहे, दिल की हर धड़कन से गीत नया गाते रहे । शीशा नहीं हूं जो बिखर जाऊंगा चोट से, हम मोती बनके हर माला को सजाते रहे । मेरे हिस्से कि हर रंगीं शाम उसके पास है, हम जुगनू बन कर उसकी राते सजाते रहे।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-59 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।