कफन तिरंगा, अस्थियां गंगा सीने में हिंदुस्तान था वो बुजदिल नहीं था भारत माँ का इकलौता संतान था जब उसका चेहरा सामने रख के नेतागिरी हुई थी तो बर्फ हिमालय से ज्यादा ये भारत माता रोई थी परिस्थितियां प्रतिकूल को वही अनुकूल बनाया था पर नेता अपने भाषण में उसको फिजूल बताया था तुम गंदे हो तुम गंदे थे.. तेरा गन्दा स्वाभिमान था वो बुजदिल नहीं था भारत माँ का इकलौता संतान था दुल्हन से ज्यादा दुश्मन की तलाश में आंखे उसकी थी इक जवान की जवानी मतलब जीत आगे उसकी थी परवाह नहीं था उसको क्या क्या किस्से हुए ज़माने में बस लगा हुआ था लहू बहाकर भारतवर्ष बचाने में जांबाज बहादुर सरहद पर उठता हुआ तूफ़ान था वो बुझदिल नहीं था भारत माँ का इकलौता संतान था ©MG Plus कफन तिरंगा, अस्थियां गंगा सीने में हिंदुस्तान था वो बुजदिल नहीं था भारत माँ का इकलौता संतान था जब उसका चेहरा सामने रख के नेतागिरी हुई थी तो बर्फ हिमालय से ज्यादा ये भारत माता रोई थी परिस्थितियां प्रतिकूल को वही अनुकूल बनाया था पर नेता अपने भाषण में उसको फिजूल बताया था तुम गंदे हो तुम गंदे थे.. तेरा गन्दा स्वाभिमान था वो बुजदिल नहीं था भारत माँ का इकलौता संतान था