"श्रेय" अक्सर भावनाओं में बहकर हम देते हैं श्रेय औरों को बिला वजह , और वो श्रेय लेकर प्रताड़ित ही करते हैं कहकर , कि जब ना अर्जित किया तो क्यों दिया ? और सच का बिगुल बजाने वाले हम सच्चे , होते हैं साबित झूठे । --- राजेश्वर सिंह 'राजू' जम्मू 17.09.2018 श्रेय