हर कर्म में मेरे उसे संदेह का आभाश है दिन के उजाले से रात के अंधेरे तक मेरे चेहरे से लेकर दफ्तर बैग तक शायद उसे किसी अनजान चीज़ की तलाश है मेडम का दफ्तर से आते ही पाकघर को निहारना गंदे बर्तन और चाय के पतीले का बीते आंठ घंटे की कहानी को क्षणों में चलचित्र की भांति विस्तार से दिखाना कदम बढ़ाकर उसका मुख्य द्वार से होकर गुजरना जूतों और चप्पलों का अपने भ्रमण की कहानी दर्शाना यही तक काफी होता तो ठीक था पर अब उसका कचरा पात्र को पैनी नज़र से टटोलना मैनें क्या क्या खाया क्या क्या फैका उसका ब्यौरा कचरापात्र से निकलवाना मैं भी किसी व्योमकेश से कम नहीं हूँ हर बात को उसकी भली भांति जानता हूँ अपने हर जुर्म के लिए, पकड़ा जाऊ इसलिए हर जुर्म के बाद सबूत अवश्य छोड़ता हूँ वो दिल की अच्छी है इसका आभाश है मुझे हर टोक में मंद मंद हँसी का आभाश है मुझे गर में गलतियाँ ना करूँ तो रिश्ते में रह ही क्या जाएगा और किसी दिन वो मुझे ना टोके तो शायद मेरा ये दिल धड़कना रुक जाएगा तो शायद मेरा ये दिल धड़कना रुक जाएगा जासूस पत्नी बेचारा पति #WOD #WIFE #पत्नी #nojoto #nojotohindi #writer ##hindiwriter #poet #poemwriter #aashishvyas #CTL #pyar #love #kavi #kavita #poet #poem #poetry #poemwriter