मेरे संज़ीदा लबों पर शोख़ फूल तुमसे रखा न गया अगरचे मैं ख़ामोश रहा तुमसे भी कुछ कहा न गया सुना है लगी में राब्ता दिल का नज़र का होता है नियाज़ के रहते कोई दिल दर बदर क्या होता है सिमट गई बाहें! तुम बढ़कर आगोश में भर तो सकते थे चल पड़ी मेरी मायूसी पर हम अब भी वहीं ठहरे थे रुक जाते पर सदा तलक न आई कि तुमसे तो पुकारा न गया इसरार क्या किया पलभर तुमसे ये बचपना संभाला न गया हमारा दिल तो अपनी जां से गया कुछ भी तो तुम्हारा न गया #toyou #yqlove #yqsilence #yqbond #yqfaith #yqyouandme