क्या करूं तारीफ मैं उसकी शब्द नहीं है मिलते बड़े-बड़े लोगों के उसने पल में पर है कुतरे कोई मुश्किल भी उसके आगे टिक नहीं है पाती दस काम भी आ जाए संग तो पल में है निपटाती अंदर से है कोमल पर बाहर से सख्त दिखाएं कोई भी उदास मिले तो झट में उसे हंसाए अपने दम पर वह तो है अपना मुकाम बनाए भगवान करे उसका झंडा दुनिया में फहराए ©Anita Mishra #narishkti