खेत भी मैं हूँ बीज भी मैं हूँ समय माह और तीज भी मैं हूँ पंछी मैं हूँ तिनका मैं हूँ बीज से निकला किनका मैं हूँ। भूख भी मैं हूं प्यास भी मैं हूँ सब जीवों की सांस भी मैं हूँ धरा भी मैं हूँ अम्बर मैं हूँ श्वेत भी हूँ नीलाम्बर मैं हूँ। शिव भी मैं हूँ श्याम भी मैं हूँ भक्त जनों के राम भी मैं हूँ मैं ही सब हूँ मुझसे सब हैं जो जब चाहूँ होता तब है #गीताज्ञान ✍️mr anshul pathak💥 पहली बार लिखा गया गीता पर रेप सॉन्ग प्लीज शेयर कीजिये