तू क्यों हकीकत को स्वीकारे ना..... "तू क्यों जाने ना, तू क्यों माने ना। अपने ही दिल का हाल, तू क्यों पहचाने ना। क्या यकीन नहीं है तुझे खुद पे, या तू उस खुदा की मर्जी