वो बोले :-ये इश्क नहीं आसां , इतना तो समझ लीजिये ,,एक आग का दरिया है , और डूब के जाना है मैंने कहा :-मासूम सी मोहब्बत का बस इतना सा फ़साना है ,,कागज की हवेली है , बारिश का ज़माना है वो कतरा-कतरा मुझे तबाह करते गये, हम रेशा-रेशा उनपे निसार होते गए!! कभी कभी दिल वो देख लेता है जिसे आंखे नहीं देख पाती #gif srishtiucl@gmail.com