कभी दिल में थी तमन्ना हो तुझसे एक नाता... पर अब तेरा मेरे पास होना भी मुझे क्यो नहीं भाता आखिर मैं मर क्यों नही जाता मेरी सांसो की तुम दुआ मांगती हो... ख़ुदा की इस रहनुमाई से मैं डर क्यों नही जाता आखिर मैं मर क्यो नही जाता जमाना क्या कहेगा तू जो घबराती है... इस जमाने मैं लड़ क्यो नही जाता आखिर मैं मर क्यो नही जाता कल तू किसी और की बाहों में होगी... ये सोचकर तुझसे ये दिल भर क्यो नही जाता “आखिर मैं मर क्यों नही जाता" आज भी तेरा वक़्त गैरो के साथ होता है पर मेरा ये लम्हा तेरे बिन गुजर क्यों नहीं जाता “आखिर मैं मर क्यो नहीं जाता" आखिर मैं मर क्यो नही जाता #tamna #love