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शाम की पुरवाई आज एक नया एहसास साथ ले आयी। याद आया

शाम की पुरवाई आज एक नया एहसास साथ ले आयी।
याद आया कोई मुझको मेरी आंखें आंसुओं से भर आयी।

नहीं भुला सके उसकी चाहत उसकी फिक्र को दिल से हम।
आरजूयें मचल गई बीते पलों की बहारें यादें बन लौट आयीं। 🌝प्रतियोगिता-80 🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"याद आया कोई मुझे..."🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
शाम की पुरवाई आज एक नया एहसास साथ ले आयी।
याद आया कोई मुझको मेरी आंखें आंसुओं से भर आयी।

नहीं भुला सके उसकी चाहत उसकी फिक्र को दिल से हम।
आरजूयें मचल गई बीते पलों की बहारें यादें बन लौट आयीं। 🌝प्रतियोगिता-80 🌝
 
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