zindagi सुर्ख शज़र सी कट रही ज़िंदगी है लबों पर हसीं,आंखो में नमी है कहना बहुत कुछ है, पर लबों पर खामोशी आ टिकी है कोई अपना दर्द बताए भी तो किसे यहां तो हर कोई अपने गम से दुखी है दिन भी स्याह सी रंग गई है ये कैसी बेबसी है जो दिल से आ लगी है ना ज़िन्दगी से कोई शिकवा फिर भी बोझ सी लगी है है आसमां की ख्वाईश पर रहने को ना जमीं है फिर भी जिए जा रहे हैं शायद इस उम्मीद में कि जैसे कोई नैया उस पार तो खड़ी है शायद ! कोई तो बेबसी है जो दिल से आ लगी है Shilpi Gupta #zindgi #bebasi #khaomoshi #Labon अंशुल(लफ्ज़)