मौन एकदूजे के मन के कभी कहे नही , दुःख के आंसू तो वे थे, जो कभी बहे नही ! तुम्हे एक कांटा चुभा है और तुम रो पड़े , दिल में चुभे नश्तर तुमने कभी सहे नही । दिन तो वो थे जब अमराई में खेलते थे , खाना-पीना-सोना दिन अब वे रहे नही । - राणा © #मौन #एकदूजे के #मन के कभी कहे नही , #दुःख के #आंसू तो वे थे, जो कभी #बहे नही ! तुम्हे एक #कांटा #चुभा है और तुम #रो पड़े , #दिल में #चुभे #नश्तर तुमने कभी #सहे नही । #दिन तो वो थे जब #अमराई में खेलते थे , #खाना-#पीना-#सोना दिन अब वे रहे नही ।