अब बहुत डर सा लगने लगा है किसी से मोहब्बत करने से या किसी का भी इश्क बनने से जिंदगी इस कदर फंस चुकी है मानो जहर पी लिया हो लेकिन मौत ना आई हो हर पल, हर सफर के मध्य में कांच के बिखड़े टुकड़े है रोती मेरी अंखियां, मन मेरा लेता सिसकियां है खून तो निकलता है मगर शायद इस जालिम दुनिया का जी कभी नहीं भरता दुख ही दुख अब शायद बचा है ना जाने ये किन कर्मो की सजा है जिंदगी #जिंदगी_का_सफर #जिंदगी_इन_दिनों #मोहब्बत #इश्क़ #दर्द