सैरे-अदम = संसार का तमाशा वह जाने से पहले ख़बर भी नहीं देते । जो कहते हैं कि अलविदा न कहना। तुम हो तो ये साँसें हैं ख़ुश्बू है प्यार है! तुम नहीं तो जहाँ में मुझे नहीं रहना। ये तन्हाई की वफ़ा क़ाबिले तारीफ़ है! बस इसे कभी मुझसे ज़ुदा नहीं होना। 'पंछी' ये सब तो महज़ सैरे-अदम है! यहाँ कभी कोई किसी का नहीं होना। ♥️ Challenge-565 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।