तेरी यादों की एक गठरी बनाऊंगा फिर उसे कस्ती में रख कर पानी में बहाऊंगा जिसको वेलेंटाइन मनाना है मना ले सुनीत मैं तो आज महाशिवरात्रि मनाऊंगा । सुनीत मिश्रा