ये दिन निकला फिर शाम हुई, इक चर्चा तेरी आम हुई, ज्यों ही बादल से ज़िक्र किया, त्यों ही बरखा सरेबाम हुई, सारी ग़लती इक फूल की थी, तितली यूँ ही बदनाम हुई, जो नींव हिलाने आयी थी, वो तेज़ हवा नाकाम हुई, महफ़िल में हमने शेर पढे, इक तन्हाई ईनाम हुई, 'सानू' मशहूर हुआ जग में, पर मौत कहीं बेनाम हुई। बेनाम मौत||शायरी||सानू #lifepoetry #lifeshayari #benam #phool #yqdidi #yqshayari #hindishayari