तू प्रेमरस का प्याला मै उस प्याले की माटी हूं। तू अंधकार का दीपक मैं उस दीपक की बाती हूं। तू लेखक की रचना मैं उसको पढ़ने वाला हूं। तू हारमोनियम की मधुर ध्वनि मैं उस पर नचने वाला हूं। तू प्रेमरस की कविता मैं उसमें प्रेम जगाने वाला हूं । Rakesh Kumar Himanshu