वर्ष 1980 से 2018 के बीच भारत ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 172% की बढ़ोतरी हुई है वर्ष 2003 और 18 के बीच में प्रति व्यक्ति 1 17% बढ़ी है हालांकि भारत की ओर से बहुत नीचे है देश के उत्तरी क्षेत्र है राष्ट्रीय जलवायु भारत में समय था कि एक केंद्रीय का घर बना हुआ है साथ ही देशों के भीतर उत्तरण के प्रभाव के वितरण पर ध्यान देना सामाजिक एकजुटता और जलवायु संबंधी उपायों की स्वीकृति को प्रभावित करता है हालांकि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर खबर में श्वेता यादव की स्थिति से संबंधित तमाम साक्ष्य वर्तमान में उपलब्ध है कि वर्ष 2015 के समझौते अंतरराष्ट्रीय समझौता राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारण नीति विकास और पर्यावरण समर्थन करने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद समर्थन की उपलब्धि में भारी कमी आई है जो विकासशील देशों के लिए पद्धतियों को लागू करने और समय के साथ अधिक महत्वकांक्षी राष्ट्रीय योगदान का सामना करने को लगातार चुनौती पूर्ण बनाएगी ©Ek villain #जलवायु नीति निर्माण के प्रति नवीन दृष्टिकोण #patience