अगर जमाना बदलना है तो खुद में बदलाव भी जरूरी है। अगर किसी का दर्द देखना है तो खुद के दिल में घाव भी जरूरी है। इतनी तपती धूप अच्छी नहीं *रूंह* थोड़ी सी रुख़ की छांव भी जरूरी है। लेती है इम्तेहान जिंदगी बड़े अजीब चलने के उबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है। जहां में तैरते तैरते थक जाएंगे बाजू *हरि* तब सफर में नाव भी जरूरी है। #Hariom Meena Dhawal Soni