#मैं.... मैं सितम बन बैठूं तो तुम रहम बन जाना मैं खुशी तो तुम वज़ह बन जाना मैं गुनाह बन जाऊं तो तुम सज़ा बन जाना मैं दर्द बन जाऊं तो तुम दवा बन जाना ख़त्म न हो कभी ये रिश्ता हमारा बनके दिनों का इंतज़ार तुम मेरे दिन की शाम भी बन जाना.... #शब्दभेदी किशोर ©शब्दवेडा किशोर #मेरा_दर्द