दिल-ए-वीराँ ज़ुल्फ़-ए-बरहम-ए-महबूब से शादाब होता है दिल-ए-दाग़-दार उसके तबस्सुम-ए-लब से बर्बाद होता है पहले चश्म से चश्म मिलते है फिर इश्क़ पनाह लेता है फिर इंतहा होती है जब इंतहा होती है तब फ़साद होता है यह मुजरिमाना सलूक क्यूँ क्या आशनाई कोई ख़ता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर वाली तुझसे दिल-ए-मुज़्तर शाद होता है ज़ाफ़रानी खुशबू वाली कुछ तो पूछ अहवाल ‘सुब्रत’ का शमीम-ए-ज़ुल्फ़ में खोने से किश्त-ए-दिल आबाद होता है.... ©Anuj Subrat दिल-ए-वीराँ ज़ुल्फ़-ए-बरहम-ए-महबूब से शादाब होता है....~©Anuj Subrat ( Author of "Teri gali mein" ) #dil_e_veeraan #zulf_e_girah_geer #dil_e_daag_daar #shadaab #barbaad #fasaad #shad #Anuj_Subrat