उनकी जुबा से निकलने अभी कुछ नाम बाकी है रस्म-ए-वफ़ा के अपने इश्क में अभी हर काम बाकी है समझ रहे थे मेरे इश्क को पहेलियों की माफिक, जज़्बात तेरे इश्क़ के समझने अभी किस्से तमामं बाकी है हुस्न-ए-वफ़ा के सामने वाजिर तेरा तो सर गया, इश्क-ए-जंग में तेरे प्यादों के अभी कत्लेआम बाकी है। ©Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात) #कत्लेआम बाकी है... #oldage #नोजोटो #नोजोटोहिंदी #OctoberCreator