अपने शब्दों से बसाते हैं जहां नित नए मंजर उसके दिखाते हैं कभी टूटा दिल कभी हसीन ख्वाब, कभी हंसी कभी अठखेलियाँ अपने दिल के भाव बयां कर जाते हैं दिलों को जोड़ कर सबको करीब लाते हैं हम लेखक ज़िंदगी के हर पहलू को अपने जज़्बातों से सजाते हैं इसकी हर एक शक़्ल सबको दिखाते हैं सुप्रभात। हम शब्दों के चित्रकार, नई शक्लें बनाते हैं। #शक्लेंबनातेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi