रुसवाई का डर है.. अंधेरों से मुहब्बत खुदा जाने! अब मैं चाँद को.. अपने आँगन में उतरने नहीं देता! ये मौसम ये चाँद जब भी देखू तुम याद आते हो, ये सर्दी ये रात तुम मुझे अपने करीब ले आते हो.. जाऊँ कहा छोड़कर ये जहां सारा, मैं जहाँ जाती हूँ तुम मेरे साथ जाते हो.. #nehashi 😍 ✍️