इक़ तुझे सोचने के बाद ,, सोचतीं हूं ,, कि क्या सोचू ,, इक़ तेरी सोच के बाद फ़िर सोचतीं हूं ,, कि तुझे सोचने के अलावा ,, और कोई सोच भी तों नहीं है मेरे पास बस इसी सोच की कश्म - कश में ,, सोचतीं रह जाती हूँ कि तेरी सोच के अलावा ,, और कोई सोच क्यूँ नहीं है मेरे पास यें कैसा असर हैं तेरा ,, जों दिलों - दिमाक से जाता नहीं और तुझे सोचने अलावा ,, मुझे कुछ भाता नहीं - MERI SHAYARI MERI DASTAAN इक़ तुझे #सोचने के बाद ,, #सोचतीं हूं ,, कि क्या सोचू ,, इक़ तेरी #सोच के बाद फ़िर सोचतीं हूं ,, कि तुझे सोचने के अलावा ,, और कोई सोच भी तों नहीं है मेरे पास बस इसी सोच की #कश्मकश में ,, सोचतीं रह जाती हूँ कि तेरी सोच के #अलावा ,, और कोई सोच #क्यूँ नहीं है मेरे पास यें कैसा #असर हैं तेरा ,, जों दिलों - #दिमाक से जाता नहीं और तुझे सोचने #अलावा ,, मुझे कुछ #भाता नहीं ......................................................................... 🥀 🥀