नारी नारी तू है सब पर भारी, फिर भी करती हो सबकी खातिरदारी, माँ, बहन,बेटी, बीवी सब का रूप करती हो धारण, करती हो सबसे प्यार बिना कोई कारण, तुम तो हो बहुत न्यारी और प्यारी, तुम्हारे सारे काम होते हैं कल्याणकारी, एक अकेली नारी संभाल लेती है सारा घर, जब आए आंदोलन की बारी तो वीर लड़ाके भी जाए डर, सदियों से घर,चूल्हा,परिवार को है संभाला, मर्दों ने फिर भी इनको तुच्छ है माना, फिर भी मर्दों के जीवन में है इनका बड़ा हाथ, देते हैं अपने पिता,पति,भाई और बेटे का हर संकट में साथ। आगे बढ़ कर किया सामना सभी मुसीबतों का, फिर भी समाज ने ना माना योगदान इनका, अभी भी लड़ रही है लड़ाई, अपने सम्मान, अभिमान, समान हक और वेतन की। मेरी बात अगर सुनो, 8 मार्च केवल ना हो, नारी शक्ति का स्मरण दिवस, साल का हर दिन हो उनका विजय दिवस। अगर रोज हम दे उनको सम्मान, दिन कटे बिना किए उनका अपमान, छोड़ दे उनको सिखाना संस्कार और तमीज़, दे समान हक और मौका, करने दे उनको काम दिल के अजीज़। दुःख-दर्द, तकलीफ में लेते है नाम सबसे पहले माँ का, गुस्से में भी मगर सबसे पहले देते हैं माँ की, बहन की *** गाली, करें बंद हम अनजाने में करना अपमान इनका, यही होगा इनके सम्मान में हमारी ताली। ©Ben Beck #8thmarch #respectforwomens #womensday