जब से तुमसे हमारा परिचय हुआ, पल-पल यादों का बस सूर्योदय हुआ, तुमसे जुड़ चुके तार सारे तसव्वुर के, हकीक़त की कड़ी बस जुड़ती नहीं! जुड़ती नहीं!! जब से स्वप्न में देखकर प्रात:खुदको जगाया मैंने, तब से गिनती हूँ यही कि,दिन में कितनी रात बची है, यादों की ठंडक में बस अहसासों को जलते देखा, प्रेम की अगहन में बस खुदको भीत्तर जमते देखा, पता है मुझे कि,क़िस्मत में हर मौसम का मिटना लिखा है, जबसे तुमसे नयन मिले,सोचती हूँ कि मुझमें कितनी बरसात बची है!! ज्वार से उमड़ते भावों को मैंने,खामोशी के सिरहाने रखे, बस सुनकर मैंने बात हृदय की, तुम पर क्ई गीत लिखे, छू कर तुम्हें कहीं गुजर न जाये,अवहेलना की धूप में मुरझा न जाये, व्यस्तता के इस कालचक्र में इनको पढ़ लेना जब तुम्हारा मन करे!! ©vks Siyag #FindingOneself #feeelings #lovepoem #saidpoetry #nojotohindi #hindi_poetry #VimlaChoudhary #vkssiysg