#OpenPoetry काश्मीर है जहाँ देश के दिल की धड़कन रोती है संविधान की जहाँ तीन सौ सत्तर अड़चन होती है काश्मीर है जहाँ दरिंदों की मनमानी चलती है घर-घर में ए. के. छप्पन की राम कहानी चलती है काश्मीर है जहाँ हमारा राष्ट्रगान शर्मिंदा है भारत माँ को गाली देकर भी खलनायक जिन्दा है काश्मीर है जहाँ देश का शीश झुकाया जाता है मस्जिद में गद्दारों को खाना भिजवाया जाता है -डॉ हरिओम पवार #Motivation