ठीक उसी तरह, जैसे... एक वैरागी तृप्ति पाने के लिए इस जहां में सिर्फ शून्यता को चुनता है, वैसे ही मैंने चुना प्रेम की ऊँचाइयों को, जो ले जाना चाहती थी प्रेम हमारा इस धरातल से भी परे... तो इसमें तुम उदास न हो...!! #बताओ_जरा 4. #soulfulshunya #ठीक_उसी_तरह 4 #मुक्तक #जानाँ #oneliner #poetrycommunity #YourQuoteAndMine Collaborating with AARAV