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थक चुके हैं ठोकरों से हमदर्दी रास नहीं आती हैं, पल

थक चुके हैं ठोकरों से
हमदर्दी रास नहीं आती हैं,
पल भर के सुकून की खातिर
क़दम घर की तरफ जाती हैं।
           ✍️ Sumit Kr. Gupta #pyara_ghar💞
थक चुके हैं ठोकरों से
हमदर्दी रास नहीं आती हैं,
पल भर के सुकून की खातिर
क़दम घर की तरफ जाती हैं।
           ✍️ Sumit Kr. Gupta #pyara_ghar💞