मेरी लाश पे रोए ना,उस पगली को समझाओ गुमसुम बैठी है वो,जरा उसको करीब लाओ।। जबसे है सुना उसने ,मेरी रुख्तसत के जर्चे चिथड़ो मे लिपटी है,नही बात है की तबसे मेरी माँ को जरा देखो,कोई तो समझाओ मेरी लाश पे रोये ना,उस पगली को समझाओ।। मेरी लाश पे रोए ना,उस पगली को समझाओ गुमसुम बैठी है वो,जरा उसको करीब लाओ ना अपनी दवा ली है, ना बिस्तर से निकली कमजोर बुढ़ापे मे,बेशुद्ध सी है पगली कोई तो चेहरे पर ,जरा उसके हंसी लाओ मेरी लाश पे रोए ना,उस पगली को समझाओ मेरी लाश पे रोए ना,उस पगली को समझाओ गुमसुम बैठी है वो,जरा उसको करीब लाओ राजीव मिश्रा "समन्दर" #NojotoQuote samandar speaks