भोर का पंछी प्रेम __________ चलो अब शान्त होते हैं उन कहकशाओं में, जहाँ से न तुम इस बेसुर्ख़ धरती पे आओ और ना ही मैं, उड़ चलते हैं अंतरिक्ष में। नीलेन्द्र शुक्ल " नील " #Nojoto #Poetrywithneel प्रवीण कुमार प्रद्युम्न द्विवेदी "शिवम्"