बढ़े आराम से चल रही थी ज़िन्दगी और चलती भी क्यूं न प्रेम के गणित की परिक्षा जो नही दी कभी भी। और जब परिक्षा का समय आया तो पर्चा खाली छोड आये। यदपि गलानि से मन दुखी था पर काल चक्र के भवँर में बहते चले गए। आज ह्रदय के तल मे किसी खालीपन का एहसास हुआ और खोया हुआ सा कुछ दिल की खिडकी पर एक बार फिर दस्तक दे गया #shapepoem #खोयाहुआसाकुछ #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqhindiurdu #yqbhaijan #collab