ख्वाबों के घरोंदे अक्सर टूट जाया करते हैं, मकान सजाने से हम तभी तो डरते हैं, नहीं मन्नत न इच्छाएं बाकी हैं अब, इतना सोचकर हम ख्वाबों से मुकरते हैं, क्योंकि ख्वाबों के घरोंदे, टूट जाया करते हैं,,, ♥️ Challenge-909 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।