उम्मीदें चलो,अब जो उम्मीदें, दुसरो पे लगाई थी वो अब खुद से, जोड़ ते हैं ।। दुसरो के लिये बुने, उन बेवजाह सपनों को, परे रख के, अपने ख्वाबों की , मेहफ़िल सजाते हैं ।। टूटे हुई उन कच्चे धागों की एक नई डोर पिरोते हैं..।। चलो अब फ़िर से, अपने आप मे उम्मीद भरी, उड़ान भरते हैं ।। ©Dh@nï🥰 #Own_Expectations #ExpectationFromLife