मर्ज़ - ए - इश्क़ की हरारत नहीं जाती शरारती दिल की शरारत से नहीं जाती यूं देखना किसी को मेरे आमाल ज़ाया न कर दें क्यूं मेरे अंदर से नज़र - ए - हिक़ारत नहीं जाती शरारती दिल हिकारत = घृणा, नफ़रत #sharartidil #collab #yqbhaijan #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan