बैठ अपने आशियानें में, सुबह का इंतजार करते दो पक्षी, एक सोच, में शामिल हो, जो वो हर रोज लेकर उड़ जाते होंगे, आज भी शायद कुछ ऐसी की उम्मीद लगाई होगी। एक गोल सी गेंद नज़र आ जाए कहीं, नाम जिसका सूरज कह लेना होगा सही, आएगा वो तब निकलेंगे सैर को, बदलो को छू आसमां में कही खो जाने को। और फिर वापस जमीं पर आकर पेट की भूख मिटाने को। पर देखा तो पता लगा की,mरात जो हवा तेज़ चली थी ना, घोसले के कुछ लड़िया निकाल ले गयी है, आज इसे भी मजबूती भी देनी होगी। लगता है आज दाना चुगने किसी एक को ही जाना होगा,दोनो के लिए, दूसरा लड़िया जमा कर बना लेगा घर अपना रहने के लिए। कुछ देर में निकल पड़े दोनो,करने दिन की शुरुआत,करके आपस मे बात। नदी किनारे मिल जाएगी सुखी लड़िया,ये सोच कर भरी उड़ान जाने को गुजरा समय, सुखी हुई लड़िया भी मिल गयी,लग रही ,फिर गिर रही, शायद उन लड़ियों को सही जगह नही मिल रही। कोशिशों के बाद आशियाना और भी मजबूत हो गया। दिन भी गुजरने वाला है अब,भूख भी बढ़ गयी है,दाने क्यों नही आये, दूर कहीं पेड़ की डाल से,कोई नज़र भी न आये। भला बात क्या हो गयी आज।कुछ देर इंतज़ार भी कर लिया, अब सोच ने भी काम करना बंद कर दिया। ढूढने वो निकल पड़ा उसी राह पर, जहाँ के लिए निकला था अपना साथी सुबह को। पहुँचा तो पता लगा,आज शिकारी आये हुए था जाल लेकर, जिसमे वो ले गया कई बेजुबाँ फसाकर। नम आंखे अब किसे ढूढे,अब न रास्ते का पता न आशियाने का, और न भूख है दाने का।भारी मन लेकर उड़ा कही वो, थोड़ी देर लगी फिर पहुँचा वही वो। घर जो अपना बना लिया था,लगा किस काम का, जरूरत ही न रही सोचा था जिस आराम का। पर जैसे ही बैठा घोसले में,वहाँ पड़े हुए दाने किसी के होने का एहसास कराने लगी, उम्मीद की एक किरण जो मन में जलाने लगी। #nojoto #nojotonews #story #hindi #soch