मैं दश्त दश्त फिरता रहा परवाह औरों की करता रहा ग़ुबार लेकर चलता रहा मस्नोई मैं बिखरता रहा मैं जब से शजर हुआ हवाओं से बिफरता रहा ना बैर है किसी से ना गिला खुद ही में मैं निखरता रहा टूटेगा अब नहीं ये हौंसला बद मस्त मैं उभरता रहा ये अक्स है मेरा कुछ नया अपनी राह खुद चुनता रहा A_tale_for_you #nojotohindi #nojotourdu #ghazal #newme #main #shayari #identity #motivation