नि:शब्द हो जाता हूँ.... जब देखता हूँ #दो घड़ी की # रोटी के लिए इतनी #मेहनत और एक हम #नमक जायदा है कह कर #थाली खिसका देते हैं..! #पु nee त# ईमानदारी ज्यादातर बेईमानी से कम लाभदायक होती है..! पुनीत कुमार विश्वकर्मा