लोग उम्मीद रखते हैं जैसे वो सबके लिए करते हैं, उनके लिए भी कोई करेगा। लोग उम्मीद रखते हैं जैसे उन्होंने खुशियां लुटायी कोई उनपे भी वो खुशियां बरसाएगा। लोग उम्मीद रखते हैं जिन्हें वे अपना मानते हैं, लोग उम्मीद रखते हैं जिनसे उन्हें अपनापन महसूस होता है। लोग उम्मीद रखते हैं जैसे गुरु अपने शिष्य से, माता-पिता अपने बच्चों से, मालिक अपने मुलाजिम से। लोग उम्मीद किसी से,कहीं भी,कैसी भी,किसी भी तरह की रख लेते हैं जैसे कोई अपनेपन में तो कोई लालच में कुछ स्वार्थ तो कुछ निस्वार्थ भाव से। #PWsimWriMo23 A simile writing challenge 🔥 Open for Collab 🔥 brought to you by Proverbs World ♥️ Dear writers! ✨