बस यूँ ही कैसे कह दूँ प्यार चाहिए। जीने का अधिकार चाहिए। अश्कों के काले बादल है इनका कुछ उपचार चाहिए।। तन्हाई से डर लगता है मन कितना व्याकुल रहता है रेतीली पथरीली राहें चलने को दिलदार चाहिए। अश्कों के काले बादल है इनका कुछ उपचार चाहिए।। आसमान सा सन्नाटा है जीवन रो रो कर काटा है कोई साथ निभाने वाला सपनों को आधार चाहिए। अश्कों के काले बादल है इनका कुछ उपचार चाहिए।। तुम आओ तो आ ही जाना वापस मुझसे दूर न जाना मीत मेरे गोरे हाथों मे मेंहदी का श्रृंगार चाहिए। अश्कों के काले बादल है इनका कुछ उपचार चाहिए।। डॉ.शिवानी सिंह