एक शाम हम ने तेरी बाहों में गुजारा था फिर उस शाम के बाद कोई शाम ना गुजरी तेरे साथ मुलाकात उस के बाद कई बार हुई मगर उस जैसी शाम ना कोई मुलाकात हुई तेरे साथ बाते हजार तुझसे मेरी होती रही ना जाने क्यूँ उस शाम वाली बात ना फिर हुई तेरे साथ आते जाते मिलते रहते थे हम दोनों पर उस रात वाली मिलन फिर ना कभी हुई तेरे साथ क्यूँ खामखां शक करती हो तुम मुझ पर तेरे बाद फिर ना हुआ मुझे प्यार किसी और के साथ एक शाम हम ने तेरी बाहों में गुजारा था फिर उस शाम के बाद कोई शाम ना गुजरी तेरे साथ मुलाकात उस के बाद कई बार हुई मगर उस जैसी शाम ना कोई मुलाकात हुई तेरे साथ बाते हजार तुझसे मेरी होती रही ना जाने क्यूँ उस शाम वाली बात ना फिर हुई तेरे साथ